मानवाधिकार संस्थाएं बांग्लादेश हिंसा जैसी घटनाओं पर चुप्प क्यों

भारत का हिन्‍दू समाज पड़ोसी देश के हिन्‍दुओं को भी अपना मानता है
हिन्‍दुओं पर अत्‍याचार, अन्‍याय की घटनाएं कदापि सहनीय नहीं हैं : सुनील आंबेकर
हिन्‍दुओं पर अत्‍याचार, अन्‍याय की घटनाएं कदापि सहनीय नहीं हैं

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